- 03
- May-25
Latest News
- 03
- May-25
Our Events
- 03
- May-25
'प्रायोजन बिना मन्दोऽपति न प्रवर्तते' सूत्र का पालन करते हुए इस कालेज की स्थापना का उद्देश्य विद्यार्थियों के बहुमुख चारित्रिक विकास के लिए आधारभूत उच्च शिक्षा प्रदान करना है। इस कालेज में प्रवेशार्थियों से अपेक्षा की जाती है कि वे राष्ट्र के प्रति दायित्व चेतन नागरिक बनने की आकाक्षा लेकर गम्भीर अध्ययन के साथ चारित्रिक विकास की ओर एकाग्रचित होकर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर अपने शील, अनुशासन एवं शिष्टाचार से दूसरों के लिये प्रेरणा श्रोत होंगे।
इस महाविद्यालय का उद्देश्य छात्र / छात्राओं को ऐसी शिक्षा प्राप्त कराना है जिससे छात्र / छात्राओं का पूर्ण शैक्षिक, बौद्धिक, मानसिक तथा बहुमुखी विकास हो सके | जिससे वे राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने ज्ञान द्वारा लोगों को लाभान्वित करके उनमें एकता, अखण्डता एवं विश्वबन्धुत्व की भावना का विकास कर सके |...
सुरमय वातावरण में स्थित देवराज महाविद्यालय की स्थापना सन् 2007 ई० में की गयी | "सुदूर ग्राम्यांचल में गुणवता युक्त उच्च शिक्षा एवं स्वच्छ परीक्षा" के ध्येय वाक्या के साथ अपनी भूमि महाविद्यालय की नवी रखी | शिक्षण एक शिक्षक का आचरण बन जाता है |
सिमित संसाधनों के साथ स्थापित महाविद्यालय अपने संस्थापक व् प्रबन्धक की दृढ इच्छाशक्ति ...
⇒ College Affiliation
⇒ NOC For Affiliation
⇒ Detail of Land Buildup Area and Courses Running
⇒ Intent Prior to Grant of Recognition D.El.Ed. NCTE
⇒ D.El.Ed. Anumodan PNP
⇒ D.El.Ed. Faculty Anumodan
⇒ Affidavit By Management
⇒ Affidavit By Faculty
⇒ D.El.Ed Particular of Staff Submitted to NCTE
⇒ Fixed Deposit Receipts (FDR)
स्व० शारदानन्द अंचल जी (पूर्व मन्त्री, उ० प्र०) से प्रेरित हो 1 जुलाई 2007 को जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया से सम्बद्ध देवराज महाविद्यालय की स्थापना की । स्थापना के प्रथम वर्ष से ही प्रगति के लिए कॉलेज प्रतिबद्ध है। वर्तमान समय में कालेज में स्नातक स्तर पर कला संकाय के अन्तर्गत सात विषयों हिंदी, संस्कृत, शिक्षाशास्त्र, भूगोल, गृहविज्ञान, समाजशास्त्र, राजनीतिशास्त्र , ..
Read More